19-02-2016 वीरवार और 20-02-2016 शुक्रवार को कुछ हथियारबंद बाईक सवारों ने मेन बाजार, रेलवे रोड, पुरानी अनाज मण्डी और अन्य कालोनियों में दहशत का माहौल बना दिया था। रोहतक और झज्जर से आने वाली खबरों के कारण पहले ही नागरिक खौफ़जदा थे। उस समय सांपला के आसपास के गांवों के जाट मुखिया और सांपला नगरपालिका अध्यक्ष ने सभी नगरवासियों को भरोसा दिलाया कि सांपला में कोई उपद्रव नहीं होने देंगे।
जाट आंदोलन का फायदा उठाकर आपसी भाईचारा मिटाने, फूट डालने, लूटपाट और आगजनी करने वालों से निपटने के लिये जाट आंदोलनकारियों ने रातों में जागकर चौकीदारी और गश्त की थी। नगरवासियों के साथ मिलकर अराजक तत्वों के सांपला में प्रवेश करने के रास्तों पर पहरे का इंतजाम किया।
सांपला में जाट आंदोलनकारियों द्वारा शपथ ली गई थी कि किसी भी सरकारी या निजी इमारत/संपत्ति/वाहन और जानमाल को नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जायेगा। हरियाणा में सबसे पहले आंदोलन सांपला से ही (14-02-2016 को) शुरु हुआ था और सबसे बाद में (22-02-2016 की शाम को) खत्म हुआ, लेकिन सांपला में किसी साईकिल के पहिये तक में भी पेंचर नहीं किया गया।
मेरा मानना है कि उपद्रवियों में पुरानी आपराधिक मानसिकता वाले, षडयंत्रकारियों के जाल में फंसे हुये, कुछ नेताओं की "फूट डालो राज करों" की नीति को ना समझने वाले और आपसी पुरानी रंजिश रखने वाले लोग ही रहे होंगे।
Written/Posted by - अन्तर सोहिल
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