जब एक किसान धान के अवशेषों को जलाता है, तो सरकार उनके खिलाफ केस बनाने के आदेश दे देती है जबकि ये फेक्ट्रियां साल भर जहरीला धुंआ छोड़ती रहती है। जिसके कारण वायुमंडल प्रदूषित होता है। दोनों ही वायुमंडल के दोषी है एक गरीब किसान जो साल में एक समय वायुमंडल प्रदूषित करता है और दूसरा एक अमीर फैक्ट्री का मालिक जो सारा साल वायु को प्रदूषित करता है। फिर भी केस गरीब किसान पर होता है ये सोचने की बात है।
जयदेव मलिक, डिजिटल सांपला
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